Ritu Joshi, Author at ixambee https://www.ixambee.com/blog/author/ritu-joshi Bringing the latest exam news to you. Tue, 19 Oct 2021 10:43:41 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 नाबार्ड ,पीएफआरडीए राजभाषा अधिकारी: रोजगार का एक बेहतरीन विकल्प, जानें कैसे करें तैयारी डॉ. ऋतु जोशी से! https://www.ixambee.com/blog/%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1-%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%8f%e0%a4%ab%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a1%e0%a5%80%e0%a4%8f-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%ad%e0%a4%be https://www.ixambee.com/blog/%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a1-%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%8f%e0%a4%ab%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a1%e0%a5%80%e0%a4%8f-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%ad%e0%a4%be#respond Tue, 19 Oct 2021 08:20:47 +0000 https://www.ixambee.com/blog/?p=9183 हिंदी भाषा में रोजगार  की अपार संभावनाएँ हैं। इस समय अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ हिंदी का अध्ययन करने वाले युवा अपना भविष्य सँवार सकते हैं। राजभाषा अधिकारी भारतीय केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी अनुवाद के अलावा राजभाषा हिंदी के अन्य कामकाज जैसे हिंदी दिवस, हिंदी पखवाड़ा मनाना, हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन करना, गृह पत्रिका का […]

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हिंदी भाषा में रोजगार  की अपार संभावनाएँ हैं। इस समय अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ हिंदी का अध्ययन करने वाले युवा अपना भविष्य सँवार सकते हैं। राजभाषा अधिकारी भारतीय केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी अनुवाद के अलावा राजभाषा हिंदी के अन्य कामकाज जैसे हिंदी दिवस, हिंदी पखवाड़ा मनाना, हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन करना, गृह पत्रिका का संपादन करना, हिंदी तिमाही बैठकों का आयोजन, राजभाषा निरीक्षण आदि कार्य करते है। राजभाषा अधिकारी पदों का सृजन राजभाषा विभाग के आदेशानुसार हर कार्यालय में किया जाता है।

राजभाषा अधिकारी को हिंदी तथा संस्कृत भाषा का गहन ज्ञान होना चाहिए जिससे कि बैंको में दिन-प्रतिदिन होने वाले कार्यो में हिंदी भाषा की उपेक्षा न हो।

राजभाषा अधिकारी के कार्य 

राजभाषा अधिकारी  बैंक में हिंदी के प्रचार के लिए पूर्णतया  जिम्मेदार होता है। बैंक में एक राजभाषा अधिकारी के   निम्नलिखित  कार्य होते हैं –

  • दस्तावेजों का हिंदी में अनुवाद: राजभाषा अधिकारी की मुख्य जिम्मेदारियो में से एक बैंकों के आधिकारिक दस्तावेजों का हिंदी में अनुवाद करना है। बैंक द्वारा अपनी सभी शाखाओं में परिचालित परिपत्र (circulars) और नोटिस अंग्रेजी और हिंदी दोनों में भेजी जाएं, यह सुनिश्चित करना राजभाषा अधिकारी की जिम्मेदारी है।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programmes) की व्यवस्था करना: राजभाषा अधिकारी की दूसरी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में बैंक के अधिकारियों के लिए नियमित अन्तराल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना है  ताकि बैंक के अधिकारी देश की आधिकारिक भाषा का अपने दैनिक कार्यो के लिए अधिक से अधिक उपयोग कर सकें।
  • राजभाषा का प्रचार:  राजभाषा अधिकारी की भर्ती का मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि देश की आधिकारिक भाषा का इस्तेमाल सुचारू रूप से किस प्रकार से हो । यह सब सुनिश्चित करना राजभाषा अधिकारी का ही कार्य हैं।    

आइए जानते हैं कि इसकी तैयारी कैसे करें ! 

राजभाषा अधिकारी के लिए योग्यता एवं प्रश्न प्रारूप 

 यदि आप हिंदी विषय में परास्नातक हैं और स्नातक स्तर पर एक विषय के रूप में अंग्रेजी एवं संस्कृत विषय  का भी अध्ययन किया है तो राजभाषा अधिकारी के रूप में आप अपने करियर को पंख लगा सकते हैं। यहाँ आपको ऊँचे वेतनमान के साथ हिंदी भाषा के क्षेत्र में कार्य करने का अच्छा अवसर मिलता है। 

क्रम संख्या NABARD PFRDALIC AAO
आयु  21 से 30 वर्ष 21 से 30 वर्ष 21 से 30 वर्ष 
योग्यता  स्नातकोत्तर– हिन्दी, संस्कृत डिप्लोमा – अनुवाद  
स्नातक– हिन्दी मुख्य विषय 
स्नातकोत्तर– हिन्दी, अंग्रेजी 
स्नातक– संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, वाणिज्य के साथ हिन्दी विषय 
स्नातकोत्तर– हिन्दी, अंग्रेजी 
स्नातक- हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत  
प्रश्नों के प्रकार  30 वस्तुनिष्ठ प्रश्न 50 अंक  
4 व्याख्यात्मक प्रश्न 50 अंक        

कुल अंक- 100             
50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न 100 अंक     

कुल अंक- 100 
30 वस्तुनिष्ठ प्रश्न 90 अंक 

कुल अंक- 90  

इस प्रकार नाबार्ड में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ व्याख्यात्मक प्रश्न भी आते हैं जो कि लगभग 50 अंक के होते हैं लेकिन अन्य राजभाषा परीक्षा में केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्न ही आते हैं ।

राजभाषा परीक्षा के लिए क्या पढ़ें

राजभाषा परीक्षा के लिए राजभाषा नियम अधिनियम, राजभाषा हिन्दी का सनवैधानिक रूप, हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद, बैंकिंग शब्दावली  इत्यादि का अध्ययन आवश्यक है । 

NABARD PFRADA LIC AAO 
वस्तुनिष्ठ प्रश्न राजभाषा हिन्दी संवैधानिक रूप राजभाषा हिन्दी संवैधानिक रूप राजभाषा हिन्दी (संवैधानिक रूप) 
राजभाषा नियम अधिनियम राजभाषा नियम अधिनियम राजभाषा नियम अधिनियम 
हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद (शब्द, वाक्य) हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद 
अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद 
बैंकिंग शब्दावली विधिक शब्दावली (सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, प्रशासनिक, पूंजी बाजार, पेंशन) बैंकिंग शब्दावली 
व्याख्यात्मक प्रश्न अपठित गद्यांश – – 
निबंध, सारांश लेखन , टिप्पणी लेखन, पत्र लेखन – – 

उपरोक्त पाठ्यक्रम से  परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा जहां आपसे पूछा  जा सकता है कि राजभाषा अधिकारी के रूप में आप हिन्दी भाषा का कैसे प्रचार एवं  विकास करेंगे । आपको बैंकिंग सेक्टर के विषय में कितनी जानकारी है ,बैंकिंग क्षेत्र के कुछ विषयों पर आपका ज्ञान देखा जा सकता है इत्यादि । 

इस प्रकार  आपको हिन्दी भाषा का कार्यालयी ज्ञान   होना बहुत आवश्यक है । 

राजभाषा परीक्षा हेतु सफलता के  सूत्र

इस परीक्षा हेतु आपको भाषा संबंधित सभी विषयों का पूर्ण ज्ञान होना  चाहिए । अध्ययन में निरन्तरता हो तथा समय का पूर्ण सदुपयोग करना चाहिए  साथ ही पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को जरूर हल करें ।  ixambee के माक टेस्ट भी निरंतर हल करते रहें । इससे आपकी लेखन क्षमता तो बदेगी ही साथ ही आप कम समय में अधिक प्रश्न हल कर सकेंगे । ixambee के राजभाषा संबंधित विडिओ भी  देखते रहें जिस से आपको विषय का और बेहतर  ज्ञान हो सके ।

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हिन्दी दिवस विशेष: भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी

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         निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
      बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को शूल।

प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चंद्र  की यह पंक्तियां निश्चित रूप से यह बोध कराने के लिए पर्याप्त हैं कि अपनी भाषा के माध्यम से हम किसी भी समस्या का समाधान खोज सकते हैं। निज भाषा देश की उन्नति का मूल होता है। निज भाषा को नकारना अपनी संस्कृति को विस्मरण करना है। जिसे अपनी भाषा पर गौरव का बोध नहीं होता, वह निश्चित ही अपनी जड़ों से कट जाता है और जो जड़ों से कट गया उसका अंत हो जाता है। भारत का परिवेश निसंदेह हिंदी से भी जुड़ा है। भारत के अस्तित्व का भान कराने वाले प्रमुख बिंदुओं में हिंदी का भी स्थान है। 

एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल,  सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने,  बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है जो हमारे पारम्‍परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्‍यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है।

हिंदी को बहुत से लोग राष्ट्रभाषा के रूप में देखते हैं ।राष्ट्रभाषा से अभिप्राय  है किसी राष्ट्  सर्वमान्य भाषा । क्या हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है ? यद्यपि हिंदी का व्यवहार संपूर्ण भारतवर्ष में होता है,लेकिन हिंदी भाषा को भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा नहीं कहा गया है । चूँकि भारतवर्ष सांस्कृतिक, भौगोलिक और भाषाई दृष्टि से विविधताओं का देश है । इस राष्ट्र में किसी एक भाषा का बहुमत से सर्वमान्य होना निश्चित नहीं है  इसलिए भारतीय संविधान में देश की चुनिंदा भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में रखा है । शुरु में इनकी संख्या 16 थी , जो आज बढ़ कर 22 हो गई हैं । ये सब भाषाएँ भारत की अधिकृत भाषाएँ हैं, जिनमें भारत देश की सरकारों का काम होता है । भारतीय मुद्रा नोट पर 16 भाषाओं में नोट का मूल्य अंकित रहता है और भारत सरकार इन सभी भाषाओं के विकास के लिए संविधान अनुसार प्रतिबद्ध है ।

 हिंदी भारत संघ की राजभाषा होने के साथ ही ग्यारह राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों की भी प्रमुख राजभाषा है।  राजभाषा का शाब्दिक अर्थ  होता है राजकाज की भाषा। अतः वह भाषा जो देश के राजकीय कार्यों के लिए प्रयोग की जाती है “राजभाषा” कहलाती है। राजभाषा किसी देश या राज्य की मुख्य आधिकारिक भाषा होती है जो समस्त राजकीय तथा प्रशासनिक कार्यों के लिए प्रयुक्त होती है। राजाओं और नवाबों के ज़माने में इसे दरबारी भाषा भी कहा जाता था। राजभाषा का एक निश्चित मानक और स्वरुप होता है और इसके साथ कोई प्रयोग नहीं किया जा सकता । राजभाषा एक संवैधानिक शब्द है। 

 हिंदी के विकास के लिए  राजभाषा विभाग का गठन किया गया है। भारत सरकार का राजभाषा विभाग इस दिशा में प्रयासरत है कि केंद्र सरकार के अधीन कार्यालयों में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में हो। इसी कड़ी में राजभाषा विभाग द्वारा प्रत्‍येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है। 14 सितंबर, 1949 का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसी दिन संविधान सभा ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इस निर्णय को महत्व देने के लिए और हिन्दी के उपयोग को प्रचलित करने के लिए साल 1953 के उपरांत हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

राजभाषा सप्ताह

राजभाषा सप्ताह या हिंदी सप्ताह हिंदी दिवस से 1 सप्ताह पहले  मनाया जाता है। इसका मूल उद्देश्य हिंदी भाषा के विकास की भावना को लोगों में केवल हिंदी दिवस तक ही सीमित ना करके उसे और अधिक बढ़ाना है। हिंदी सप्ताह के इन 7 दिनों में लोगों को निबंध ,लेखन आदि के द्वारा हिंदी भाषा के विकास और उसके उपयोग के लाभ और ना उपयोग करने पर हानि के बारे में समझाया जाता है।

भारत के सन्दर्भ में हिंदी को मुख्य आधिकारिक भाषा का दर्ज़ा प्राप्त है। दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी को स्वीकार किया गया है। हिन्दी के  प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने सन् 1960 में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना की। इससे पूर्व राजभाषा अधिनियम भी पारित किये गये जिनमें केन्द्र और राज्य के सरकारी कामकाज और अंग्रेजी तथा हिन्दी के प्रयोग पर अनेक उपबन्ध लागू किये गये। सन् 1960 के आदेश के अनुसार सरकार मैन्युअलों, फार्मों, विनियमों को हिन्दी में करने का कार्य निदेशालय को सौंपा गया। सन् 1961 में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग बना जिसमें कृषि, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, मानविकी, औद्योगिक आदि विषयों से सम्बन्धित शब्द-कोशों के निर्माण के साथ-साथ विश्व- कोशों के निर्माण का कार्य भी हिन्दी में आरंभ हुआ। सन् 1975 में स्वतन्त्र रूप से राजभाषा विभाग का गठन हुआ, जिसके द्वारा संवैधानिक उपबन्धों को समुचित रूप से क्रियान्वित करने, उन्हें बढ़ावा देने तथा पुनरीक्षण करने एवं समन्वय करने का प्रभावी प्रयास किया जा रहा है। हिन्दी के प्रचार-प्रसार में गैर-सरकारी, समाज-सेवी, स्वयं-सेवी संस्थाएँ भी कार्यरत हैं। 

आज हिंदी को पहले की भांति वैश्विक धरातल प्राप्त हो रहा है। विश्व के कई देशों में हिंदी के प्रति आकर्षण का आत्मीय भाव संचरित हुआ है।विश्व के कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में हिंदी के पाठ्यक्रम संचालित किए जाने लगे हैं। इतना ही नहीं आज विश्व के कई देशों में हिंदी के संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं। अमेरिका में एक साप्ताहिक समाचार पत्र उल्लेखनीय ख्याति प्राप्त कर चुका है। हिंदी संचेतना नामक पत्रिका भी विदेश से प्रकाशित होने वाली प्रमुख पत्रिका के तौर पर स्थापित हो चुकी है। ऐसे और भी प्रकाशन हैं, जो वैश्विक स्तर पर हिंदी की समृद्धि का प्रकाश फैला रहे है। भारत के साथ ही सूरीनाम फिजी, त्रिनिदाद, गुआना, मॉरीशस, थाईलैंड व सिंगापुर इन 7 देशों में भी हिंदी वहां की राजभाषा  या सह राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी है। इतना ही नहीं आबूधाबी में भी हिंदी को तीसरी आधिकारिक भाषा की मान्यता मिल चुकी है। आज विश्व के लगभग 44 ऐसे देश हैं, जहां हिंदी बोलने का प्रचलन बढ़ रहा है।  

निष्कर्षतः जहां अंग्रेजी एक विश्वव्यापी भाषा है और इसके महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता। वही हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हम सब भारतवासियों को अपनी राष्ट्रभाषा का आदर व सम्मान करना चाहिए। हिंदी दिवस हमारी  सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृद्धि का जश्न मनाने का दिन है। 

            बने कार्य व्यवहार की, हिन्दी भाषा आज । 

           तब कल इसके शीश पर, होगा गौरव ताज ॥ 

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बैंकों द्वारा समय-समय पर पीओ के पद के लिए बड़ी संख्या में भर्तियां निकलती रहती हैं। इस क्षेत्र में अच्‍छा करियर ऑप्‍शन  होने के कारण युवाओं में इसके प्रति आकर्षण बढ़ता जा रहा है। अनुभव और कार्यकुशलता से युवा बैंक पीओ से शीर्ष प्रबंधन तक पहुँच  सकते हैं। इसलिए कई युवा बैंक पीओ के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, पर मार्गदर्शन और सही जानकारी के अभाव में वे इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते। आइए जानतें हैं कि क्या है यह परीक्षा और कैसे करें इसकी  तैयारी ?

आईबीपीएस एक बहुत ही लोकप्रिय बैंक परीक्षा है। हर साल लगभग दस लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इस परीक्षा के लिए अप्लाई करते है आईबीपीएस विभाग विभिन्न प्रकार के पदों के लिये भर्तिया निकालता रहता है। अधिकांश उम्मीदवारों को इस परीक्षा का ज्ञान नहीं होता है वे सीधे ही आईबीपीएस बैंक परीक्षा के लिए तैयारी करने  लग जाते है। आईबीपीएस परीक्षा की तैयारी का सबसे पहला नियम तो यह है की आपको इस परीक्षा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। तभी आप यह निर्णय कर सकेंगे  कि  परीक्षा की तैयारी कैसे और कहाँ से शुरू करनी है।

आईबीपीएस परीक्षा क्या है? 

बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (Institute of Banking Personnel Selection) को  हम  “IBPS” के नाम से जानते है। आईबीपीएस विभाग इसमें हिस्सा लेने वाले बैंकों और संस्थाओं (IBPS Participate Banks list) के लिये विभिन्न परीक्षा आयोजित  कराता है जैसे कि  – आईबीपीएस पीओ परीक्षा (IBPS PO Exam), आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा (IBPS Clerk Exam), आईबीपीएस स्पेशलिस्ट ऑफिसर परीक्षा (IBPS Specialist Officer Exam), आईबीपीएस आरआरबी परीक्षा (IBPS RRB Exam)। 

आईबीपीएस परीक्षा की प्रक्रिया

आईबीपीएस एग्जाम तीन चरणों में पूरा होता है – सबसे प्रथम है ,प्रारम्भिक परीक्षा । फिर दूसरा चरण है मुख्य परीक्षा  और दोनों ही चरणों में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी  अंतिम  चरण में हिस्सा लेने योग्य होते हैं ।  तीसरा चरण साक्षात्कार  होता है। (नोट :- आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा में साक्षात्कार नहीं होता है)

यह ध्यान रखे कि  आपके सम्पूर्ण स्कोर पर नकारात्मक अंकन (Negative Marking) भी होंगे। हर गलत जवाब के लिए (1/4) अंक आपके स्कोर में से काट लिए जाएँगे इसलिए ज्यादा  अंदाज़े लगाने की कोशिश न करे नही तो सही किये हुए प्रश्नों के अंक भी काट लिए जाएँगे। 

 यहाँ  कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जिन्हें एक उम्मीदवार को बैंक परीक्षा की तैयारी करते समय ध्यान में रखना चाहिए।  तो आइये जानते है कम समय में कैसे तैयारी करें । 

1. बैंकिंग परीक्षा के लिए जरूरी है कि आपकी स्पीड तेज हो इसके लिए जरूरी है कि आप रोजाना पिछले वर्ष के प्प्रश्नपत्रों को  समय सीमा के अंदर हल करने का प्रयास करें । कम समय में ज्यादा से ज्यादा सवाल हल करें, आप स्टॉप वाच रखे, फिर देखें, कितने समय में आप कितने सवाल हल कर पा रहें  है। 

2.  परीक्षा पैटर्न  से ये जानने की कोशिश कीजिए  कि  किस विषय  से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है और सबसे ज्यादा स्कोरिंग टॉपिक कौन से है। इसके अलावा  परीक्षा में आने वाले प्रश्नों की संख्या, प्रश्नों पर दिये जाने वाले कुल अंक, , कटऑफ, परीक्षा  की समय अवधि और परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन होगी ये सभी बातें जानने की कोशिश करें।

3. सही स्टडी मटेरियल  का ही प्रयोग करें । अगर आपके पास सही स्टडी मटेरियल है तो आप परीक्षा में  आसानी से सफल हो सकते है। सही स्टडी मटेरियल की जानकारी के लिए आप एक्सपर्ट की सलाह ले सकते है। इसके अलावा आप उन लोगों से भी संपर्क कर सकते है जिन्होंने आपसे पहले बैंकिंग की  किसी परीक्षा  में सफलता पाई हो। तैयारी के लिए हमेशा अच्छे पब्लिकेशन की किताबों का ही चयन करें। इसके अलावा आप चाहे तो खुद के नोट्स बनाकर भी तैयारी कर सकते है। पाठ्यक्रम  के अनुसार खुद के नोट्स बनाइये और उससे तैयारी करिए ।  यदि आपको लगता है कि आपके स्व-अध्ययन के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन की आवश्यकता है, तो आप हमारे विशेष ऑनलाइन कोर्स पर एक नज़र डाल सकते हैं, यहां क्लिक करें आईबीपीएस आरआरबी ऑनलाइन कोर्स

4.  बैंकिंग परीक्षा  में सफलता पाने का रास्ता होकर जाता है मॉक टेस्ट से। अगर अब तक आप कई बैंकिंग एग्जाम दे चुके है और सफलता नही मिल रही है तो उसका एक कारण यह  भी हो सकता है कि आपने परीक्षा  से पहले मॉक टेस्ट नही दिए हो।  मॉक टेस्ट परीक्षा  से पहले परीक्षा  के पैटर्न, सिलेबस और कठिनता स्तर  को समझने के लिए दिए जाते हैं । मॉक टेस्ट से आपको परीक्षा  का पाठ्यक्रम , पैटर्न और लेवल आदि समझने में आसानी हो जाती है । ixamBee द्वारा प्रदान की गई आईबीपीएस आरआरबी ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़ आपको जागरूक करती है कि कंप्युटर  द्वारा असल परीक्षा में सवालों के जवाब कैसे दिए जाते हैं? यहां क्लिक करेंआईबीपीएस आरआरबी ऑनलाइन टेस्ट सीरीज 

5. प्रतिदिन के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों से जुड़े रहें और समाचार पढ़ने का अभ्यास करें साथ ही आर्थिक समाचारों पर  विशेष रूप से ध्यान दें और बैंकिंग परिदृश्य को समझने का प्रयास करें।  इसके  लिए  द टेलीग्राफ (कलकत्ता), इकोनोमिक टाइम्स, मिंट बिज़निस जैसे समाचार पत्र आदि का अध्ययन किया जा सकता है। साप्ताहिक एवं  मासिक करंट अफेयर्स के लिए, आप हमारे द्वारा हिन्दी भाषा में बनें विशेष कोर्स को डाउनलोड कर सकते हैं, डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें – GK-PDFs 

6. आपकी तैयारी का अधिकतम समय सामान्य जागरूकता विषय को समर्पित होना चाहिए और आपको यहां अपने अंकों को अधिकतम करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि यह विषय  परीक्षा का बड़ा भाग होता है। आपका अगला ध्यान अंग्रेजी अथवा हिन्दी भाषा जो आप चुनते हैं उस  पर होना चाहिए। शेष समय क्वांट और रीज़निंग के लिए समर्पित होना चाहिए। 

7 .खुद के लिए समय का प्रबंधन कीजिए लेकिन उस पर अडिग रहना आवश्यक है। बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को समय का मैनेजमेंट अवश्य करना चाहिए, इसके बिना सफलता प्राप्त करना मुश्किल है।  जैसा कि परीक्षा पैटर्न को पढ़ने के बाद, आप जान पाएंगे कि इस परीक्षा में एक निश्चित समय है और यह  ऑनलाइन मोड में है. इसलिए, जैसे ही समय सीमा समाप्त होती है, परीक्षण अपने आप ही समाप्त  हो जाता है. इसके अलावा, समय प्रबंधन (मैनेजमेंट) के बिना क्वांट और तर्क के प्रश्नों को समय पर हल कर पाना बहुत मुश्किल है इसलिए, अधिक से अधिक अभ्यास करने का प्रयास करें और अपनी गलतियों को सुधारें। 

8. इस परीक्षा में प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं। बीच-बीच में कई प्रश्न ऐसे दिए जाते हैं, जिनसे प्रतिभागी को दुविधा हो। पेपर हल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जो प्रश्न आपको सरल लगे, उन्हें हल करें। कठिन प्रश्नों को बचे हुए समय में हल करने का प्रयास करें । 

9 .  परीक्षा के दौरान आप  कुछ समय सोशल मीडिया से दूरी  रखिए क्योंकि इसमें आपका अधिक समय खर्च होता है और आपको  इस समय अपने समय प्रबंधन का विशेष ध्यान  रखना है ।  

10. परीक्षा की तैयारी के दौरान सकारात्मक रहें , ऊर्जावान रहें  और तनाव से दूर रहें । खुद को प्रेरित करें । प्रेरणा एक ऐसी चीज है जो बैंकिंग परीक्षा की तैयारी करते समय आपके अन्दर होनी चाहिए, जिससे आप विचलित न हों।  कुछ महीनों के लिए, अपने कैरियर को उज्ज्वल बनाने के लिए अपनी पूरी लगन के साथ संघर्ष करें और आप सकारात्मक परिणाम देखेंगे। हमेशा याद रखें “आप इसे कर सकते हैं” ऐसी सोच  के साथ अगर आप आगे बढ़ते हैं  तो सफल अवश्य होंगे। 

ये हैं वो कुछ आसान से उपाय जिनकी मदद से आप आईबीपीएस आर आर बी  की परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।

आपकी परीक्षा में सफलता के लिए शुभकामनाएं  ! 

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