Question

    निर्देश- दिए गए अपठित गद्यांश को पढ़ कर उस से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – शिक्षक को अपना उत्तरदायित्व समझना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा विभिन्न राज्य सरकारों ने शिक्षकों के वेतनमानों में पर्याप्त सुधार किए हैं, अनेक अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की हैं, इसलिए वे अब यह तर्क नहीं दे सकते कि उन्हें आजीविका की चिन्ता में छात्रों के हित को सोचने का अवसर नहीं मिल पाता। यदि उन्हें समाज में सम्मान पाना है, छात्रों की श्रद्धा पानी है, तो प्राचीन गुरुकुल पद्धति से कुछ गुण ग्रहण करने होंगे। शिक्षा कोई व्यवसाय नहीं है जहाँ हमेशा लाभ पर दृष्टि टिकी रहती है। यह तो धर्मक्षेत्र है, विश्व, देश, समाज और जन-जन का उत्थान शिक्षकों पर निर्भर रहता है। नई पीढ़ी को शिक्षक जिस मार्ग पर चलाना चाहेंगे, उसी राह पर वे चलेंगे, नहीं चलाएँगे, तो वे नहीं चलेंगे, भटकाएँगे, तो भटक जाएँगे, उठाएँगे तो उठेंगे। छात्र तो क्यारी के कोमल फूल होते हैं और शिक्षक उनके माली। माली यदि समय पर उन्हें खाद-पानी देंगे, तो वे खिलेंगे, नहीं देंगे, तो वे मुरझा जाएँगे। शिक्षकों को तप, त्याग, नि:स्वार्थ भावना आदि सद्गुणों का महत्त्व समझना होगा। जब शिक्षक इन गुणों को अपने भीतर विकसित करेंगे, तभी वे अपने छात्रों को इन गुणों को थाती के रूप में सौंप सकेंगे। शिक्षक-छात्र सम्बन्ध में मधुरता केवल शिक्षक और छात्र को ही सन्तोष नहीं देगी, उनके परिवारों और आसपास को भी प्रभावित करेगी। स्वस्थ मन के नागरिक उत्पन्न करने के लिए शिक्षक-छात्र सम्बन्धों का स्वस्थ होना आवश्यक है।

    छात्रों को शिक्षा प्रदान करना शिक्षक का

    A व्यवसाय है Correct Answer Incorrect Answer
    B वैशिष्ट्य है Correct Answer Incorrect Answer
    C व्यसन है Correct Answer Incorrect Answer
    D धर्म है Correct Answer Incorrect Answer

    Solution

    The correct answer is D

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