Question

    निर्देश- निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उन पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही उत्तर-विकल्प चुनकर लिखिए। हर व्यक्ति में एक समूचा ब्रह्मांड वैसे ही बसा है जैसे छोटे से बीज में पूरा वृक्ष छिपा है। आदमी इस ‘ब्रह्मांड की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है। इस बात से विज्ञान भी सहमत है। वैज्ञानिक कहते हैं कि विश्व के प्रत्येक जीव की क्रिया और उसका स्वभाव अलग-अलग होता है। किन्हीं भी दो में एकरूपता नहीं होती। विभिन्न प्राणियों का समावेश ही संसार है। इसी प्रकार से करोड़ों कोशिकाओं (सेल्स) से इस शरीर का निर्माण हुआ है। प्रत्येक का स्वभाव तथा कर्म भिन्न है, फिर भी यह मानव शरीर बाहर से एक दिखाई पड़ता है। प्रत्येक कोशिका जीवित है। कुछ सुप्त अवस्था में हैं, तो कुछ जाग्रत में। जैसे ही कुछ कोशिकाएँ मरती हैं, उनका स्थान दूसरी कोशिकाएँ स्वतः ले लेती हैं। सभी अपने-अपने काम में सतत लगी हुई हैं। वे कभी विश्राम नहीं करतीं। यदि इनमें से एक भी कोशिका काम करना बंद कर दे, तो इस शरीर का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। हालाँकि ये कोशिकाएं कार्य में तथा व्यवहार में एक-दूसरे से भिन्न हैं, परंतु ध्यान की विधि द्वारा इनमें उसी प्रकार सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है जैसे सूर्य की किरणें चारों तरफ़ फैली होने के बावजूद, वे सौर बैटरी द्वारा एकत्र कर विद्युत तरंगों में बदली जा सकती हैं। जिस प्रकार आप इन्हें एक जगह एकत्र कर, केंद्रित और नियंत्रित कर बड़े-से-बड़ा काम ले सकते हैं ठीक उसी तरह से आदमी ध्यान के माध्यम से शरीर की सभी कोशिकाओं की ऊर्जा को एकत्र कर ऊर्ध्वगामी कर लेता है। यदि एक क्षण के लिए भी ऐसा कर पाया तो उतने में ही वह नई शक्ति, नए ओज से भर जाता है। जैसे-जैसे ध्यान की अवधि बढ़ने लगती है, ध्यान टिकने लगता है, वैसे-वैसे उसमें परिवर्तन होने लगता है।

    उपर्युक्त गद्यांश के

    अनुसार शरीर का निर्माण कैसे हुआ है ?
    A रक्त ,मांस और हड्डियों से Correct Answer Incorrect Answer
    B करोड़ों कोशिकाओं (सेल्स) से Correct Answer Incorrect Answer
    C भ्रूण से Correct Answer Incorrect Answer
    D शिराओं से Correct Answer Incorrect Answer
    E धमनियों और शिराओं से Correct Answer Incorrect Answer

    Solution

    The correct answer is B

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