(1) संसार में किसी का भी जीवन स्थायी नहीं है।
(य) महान् से महान् व्यक्ति और शक्तिशाली प्रतिभाओं का भी अन्त सुनिश्चित है।
(र) इस संसार में तन का घमण्ड व्यर्थ है, क्योंकि देहावसान होता ही है।
(ल) जीवन दो दिन का मेला है।
(व) जो उजड़ जाता है। धन के वैभव पर इठलाना किस काम का,
(6) क्योंकि धन दौलत की शान एक दिन समाप्त हो जाती है।
संसार में किसी का भी जीवन स्थायी नहीं है। महान् से महान् व्यक्ति और शक्तिशाली प्रतिभाओं का भी अन्त सुनिश्चित है। इस संसार में तन का घमण्ड व्यर्थ है, क्योंकि देहावसान होता ही है। जीवन दो दिन का मेला है जो उजड़ जाता है।धन के वैभव पर इठलाना किस काम का, क्योंकि धन दौलत की शान एक दिन समाप्त हो जाती है।
9999² + 1111² =?
641.5 + 72 × 8 = ? × 4
72 + 122 - 25% of 600 = ?
∛157464 =?
6 0 - 20 [8 + 12 {8-8 (20-12)+20}-40] ÷ 16 =?
(49 x ?) / 3.5 + 389 = 627
2850 ÷ 2.5 - ? × 42 = 300
135.37 – 50.24 + 629.09 – 199.50 = ? – 214.68 + 42.65
1885 ÷ 64.98 + 7.29 + ? = 69.09
? ÷ 8 = 2048 ÷ 64