ड और ढ वर्णमाला के ट वर्ग में तीसरे व चौथे वर्ण हैं। • ड़ और ढ़ वर्ण अरबी-फारसी भाषा के प्रभाव से आए हैं। प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पाँचवाँ वर्ण अल्पप्राण व्यंजन हैं। जैसे- क, ग, ङ; ज, ञ; ट, ड, ण; त, द, न; प, ब, म,। जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की पर्याप्त मात्रा होती है, जिसके कारण हकार-जैसी ध्वनि स्पष्ट दिखती है। वे महाप्राण कहलाते हैं। जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्पर्श के समय अपेक्षाकृत अधिक होता है. यही नहीं उच्चारण के बाद वाला भाग संघर्षी हो जाता है, उसे स्पर्श संघर्षी कहते हैं. स्पर्श-संघर्षी व्यंजनों की कुल संख्या 4 होती है – च, छ, ज, झ य','र','ल','व'- अंतस्थ व्यंजन कहलाते हैं।
The concept of extension education process was given by ______.
The unripe fruits and few vegetables contain an insoluble stiffening material called_____. It gives firm texture to unripe fruits. As fruit ripens, some...
World Forestry day is celebrated on:
Citrus canker is _____ disease.
Which type of grafting is also known as stone grafting?
Type of silviculture system which can regenerate through seeds and majority have a long life is ___
Which among the following is generally known as twin deficit?
In the process of micropropagation, plantlets are gradually acclimatized before plantation in farm
Under Micro-Economics study of?
The planting of sugarcane by trench method ______