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क्रिया के उस रूपान्तर को भाववाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहा भाववाच्य होता है। मोहन से टहला भी नहीं जाता। मुझसे उठा नहीं जाता।
निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
संधि पूर्ण करें -
जलद का अर्थ ___________ है।
'चौथाई' शब्द में विशेषण है
लीला अंग्रेजी के अतिरिक्त भारतीय भाषाओं में उपलब्ध ह...
कौन-सा शब्द 'इन्द्र' का पर्यायवाची नहीं है?
कौन-से शब्द का अर्थ बाकी तीन से अलग है?
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चाँद में क्या लगा है ?
जो झगड़ालू होते है सभी उनसे दूर रहना चाहते हैं।’ यह किस प्...