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यह बीसवीं सदी का छायावादी कवियों के उत्थान का युग था। माना जाता है कि छायावादी युग का समय वर्ष 1920-1936 तक रहा। छायावादी युग में हिंदी साहित्य के क्षेत्र में भाव सरलता, गद्य गीत, मर्मस्पर्शी कल्पना, स्वतंत्र चिंतन आदि जैसे विचारों का समावेश है। छायावादी युग को प्रकृति एवं सौंदर्य पूजन कवियों का युग भी कहा जाता है।