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क्रिया के उस रूपान्तर को भाववाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहा भाववाच्य होता है। मोहन से टहला भी नहीं जाता। मुझसे उठा नहीं जाता।
प्रमुख नगरों में गठित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अ...
राजभाषा नियम, 1976 के किस नियम के अंतर्गत हिंदी में प्राप्त प...
निम्नलिखित शब्दों में से एक का अर्थ ' नाव की पतवार ' भी हैं ?...
राजभाषा आयोग के स्थापना का वर्ष है ?
PROBATION के लिए लिए सही पारिभाषिक शब्द है
GIC
' महात्म्य ', शब्द है ?
कोई कामिरिक पोरबंदर स्थित केंद्र सरकार के किसी कार्यालय ...
किसी कर्मचारी/अधिकारी को किस आधार पर हिंदी का कार्यसाधक ज...
"' बार काउंसिल ' क्या है ?"