जिस क्रिया से ज्ञान हो कि कर्ता स्वयं कार्य को न करके किसी अन्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है। मूलतः द्वि अक्षरी धातुओं में आना तथा वाना जोड़ने से प्रेरणार्थक क्रियाएँ बनती हैं।
रंगमंच पर पर्दे के पीछे का स्थान इस वाक्यांश के लिए स...
'आगे नदिया पड़ी अपार घोड़ा उतरे कैसे पार । राणा ने सोचा इस ...
"धरती कहे पुकार के, पवन कहे फुसफुसाकर" इस पंक्ति में कौन-सा ...
निम्नलिखित में से युक्त वाक्य कौन-सा है?
निम्नलिखित में से मूर्धन्य वर्ण कौन सा है?
'सृष्टि' का विलोम शब्द है
इनमें से असत्य कथन है :
नीचे दिए वाक्यों में से कुछ में त्रुटियाँ हैं और कुछ ठीक ह...
नीचे दिए वाक्यों में से कुछ में त्रुटियाँ हैं और कुछ ठीक ह...
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