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जिन स्वरों के उच्चारण में मुख के साथ-साथ नासिका की भी सहायता लेनी पड़ती है। अर्थात् जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है वे अनुनासिक कहलाते हैं। इनका चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) है।
'सदाचारी' और 'बेईमानी' इन दोनों पदों में क्या समानता है?
छात्रों को शिक्षा प्रदान करना शिक्षक का
निम्नलिखित में से “ बहिष्कृत ” शब्द का अंग्रेजी अनुवाद हो...
लेखक के अनुसार घटिया नागरिक कौन है?
(1) कभी-कभी तय करना
( य) मानवीय विकास का इतिहास
उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार ईश्वर की सत्ता में विश्वास क...
दिए गए अनुच्छेद के अनुसार “ precautions” का हिन्दी अनुवाद क्या ह...
(1) कुछ रसायन उस पीढ़ी को
(य) जो उसके सम्पर्क में रहत...
उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार रेचन का क्या अर्थ है ?
भारतीय सांविधान के किस प्रावधान में निम्नलिखित कथन का उत...