Question

    दुःख ही जीवन की कथा

    रही क्या कहूं आज जो नहीं कहीं प्रस्तुत पंक्तियों के रचियता का नाम क्या है ?
    A प्रेमचंद Correct Answer Incorrect Answer
    B सूर्यकांत त्रिपाठी Correct Answer Incorrect Answer
    C रविशंकर Correct Answer Incorrect Answer
    D उपर्युक्त में से एक से अधिक Correct Answer Incorrect Answer
    E उपर्युक्त में से कोई नहीं। Correct Answer Incorrect Answer

    Solution

    दुख ही जीवन की कथा रही है ये सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की पंक्तियाँ  है जो उन्होंने सरोज स्मृति में लिखा था। 

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